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भगवान बुद्ध , अपने दुःखों का कारण आप ही है

Buddha Stories App - https://play.google.com/store/apps/details?id=comअपने दुःखों का कारण आप ही है :- एक समय की बात है, भगवान बुद्ध एक नगर में घुम रहे थे। उस नगर के आम नागरिकों के मन में बुद्ध के विरोधियों ने यह बात बैठा दी थी कि वह एक ढोंगी है और हमारे धर्म को भ्रष्ट कर रहा है। इस वजह से वहां के लोग उन्हें अपना दुश्मन मानते थे। जब नगर के लोगों ने बुद्ध को देखा तो उन्हें भला बुरा कहने लगे और बदुआएं देने लगे।

गौतम बुद्ध नगर के लोगों की उलाहने शांति से बिना बोलने सुनते रहे लेकिन जब नगर के लोग उन्हें बोलते-बोलते थक गए तो महात्मा बुद्ध बोले- "क्षमा चाहता हूं! लेकिन अगर आप लोगों की बातें खत्म हो गयी है तो मैं यहां जाऊं।"

भगवान बुद्ध कि यह बात सुन वहां के लोग बड़े आर्श्चयचकित हुए। वही खड़ा एक आदमी बोला - "ओ! भाई हम तुम्हारा गुणगान नहीं कर रहे है। हम तो तुम्हें गालियाँ दे रहे हैं। क्या इसका तुम पर कोई असर नहीं होता???"

बुद्ध बोले - आप सब मुझे चाहे जितनी गालियाँ दो मैं उन्हें लूगा ही नहीं। आपके गालियाँ देने से मुझपर कोई असर नहीं पड़ता जब तक कि मैं उन्हें स्वीकार नहीं करता।

बुद्ध आगे बोले - और जब मैं इन गालियाँ को लूंगा ही नहीं तो यह कहां रह जाएगी? निश्चित ही आपके पास।

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